जय हिंद, स्वागत है आपका हमारे इस छोटे से BLOG के नये article पर। अगर आप इंजीनियर बनना चाहते हैं, तो आज के इस article में, मैं आपको बताउगा कि हम Engineer Kaise Bane तो यह article काफी ज्यादा interesting होने वाला है । आज के समय में बहुत सारे बच्चे पहले ही सोच लेते हैं कि उन्हें भविष्य में क्या करना है वे पहले ही सोच कर रखते हैं कि उन्हें बड़े होकर क्या बनना है ।
बहुत सारे बच्चे ऐसे भी होते हैं जो छोटी कक्षा से ही यह सोच कर आते हैं कि उन्हें बड़े होकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके इंजीनियर बनना है उसमें से एक आप भी है और आप इंजीनियर बनना चाहते हैं तो आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि इंजीनियर कैसे बने और इंजीनियर बनने के लिए कौन सा कौन करें इंजीनियर से संबंधित सारी जानकारी इस लेख में आपको मिल जाएगी ।
आजकल बहुत सारे छात्र ऐसे होते हैं जिनकी पहली पसंद इंजीनियर बनने की होती है क्योंकि आज के समय में ज्यादातर विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो कि 12वीं कक्षा में साइंस विषय और साइंस विषय में भी गणित विषय लेते हैं इसलिए यह गलत भी नहीं है और वे विद्यार्थी अपना कैरियर इंजीनियरिंग में बनाना चाहते हैं ।
यह बात भी सही है कि इंजीनियरिंग किए हुए बच्चों के पास उनके भविष्य में जॉब करने या अन्य कोई कार्य करने के बहुत सारे विकल्प होते हैं अगर आप भी उन विद्यार्थियों में से एक हैं जो भविष्य में इंजीनियर बनना चाहते हैं तो आपको मैथमेटिक्स विषय में अच्छा होना जरूरी है ।
अब आपकी बहुत सारे सवाल होंगे कि हम Engineer Kaise Bane तो चलिए अब हम जान लेते हैं कि इंजीनियर कैसे बने, इंजीनियर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी चाहिए
साथ ही मैं आपको बताऊंगा कि आप इंजीनियरिंग की तैयारी कैसे करें और इसकी तैयारी करने के लिए बेस्ट स्टेप क्या है या इसकी क्या Tarike Hai जिनको अपनाकर आप एक इंजीनियर बन सकते हैं ।
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सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि इंजीनियर कौन होता है? और इंजीनियर के क्या कार्य होते हैं? इंजीनियर के लिए योग्यता, पढ़ाई, परीक्षा की तैयारी कैसे करे आदि। हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको इंजीनियर कैसे बनते है? क्योंकि यह जानना बहुत ही ज्यादा जरूरी है-
इंजीनियर कैसे बने? ( Engineer kaise bane )
इंजीनियर बनने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है की आपने 12वीं कक्षा की पढ़ाई साइंस विषय से ही हो, क्योंकि साइंस विषय के विद्यार्थी ही इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं । भारत में इंजीनियरिंग के आईआईटी, बीआईटी, एनआईटी जैसे कई बड़े मान्यताप्राप्त संस्थान है जो इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश प्रदान करते हैं।
इन सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए किसी भी छात्र, छात्राओं को JEE(Mains), JEE(Advance) की परीक्षा को पास करना होता है इसके अलावा कोई भी विद्यार्थी जो इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला लेना चाहता है वह विद्यार्थी के JEE(Mains), JEE(Advance) अलावा GATE, BITSAT, CMAT, WBJEE, COMEDK UGET जैसी परीक्षाओं को पास करके भी इन कॉलेजों में दाखिला ले सकता है ।
इन कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए किसी भी विद्यार्थी को की परीक्षा में अच्छे अंक लाने होते हैं अंकों के आधार पर ही उन्हें कॉलेज आवंटित की जाती है इंजीनियरिंग का कोर्स 4 वर्ष का होता इसे सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद सभी छात्रों को इंजीनियरिंग की डिग्री प्रदान की जाती है और वह इंजीनियर बन जाते हैं ।
- सबसे पहले आपको 12वीं फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स (पीसीएम) विषय के साथ पास होना चाहिए।
- इंजीनियरिंग में जेईई (मुख्य) प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन करें।
- जब परीक्षा की तारीख आ जाए तो प्रवेश परीक्षा में जाएं।
- अच्छे कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए उच्च रैंक प्राप्त करें।
- कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद आपको 4 साल की पढ़ाई करनी होती है।
- 4 साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद आप इंजीनियर बन जाएंगे।
इंजीनियर कौन होता है? ( Engineer kon hota hai )
जिस विज्ञान और गणित का उपयोग हम चीजों को डिजाइन या बनाने के लिए करते हैं, उसे इंजीनियरिंग कहा जाता है । इंजीनियरिंग करने वाले लोग इंजीनियर कहलाते हैं। इंजीनियर आमतौर पर चीजों का डिजाइन या निर्माण करते हैं । कुछ इंजीनियर अपने कौशल का उपयोग तकनीकी समस्याओं को हल करने के लिए भी करते हैं।
Engineer शब्द लैटिन भाषा के दो शब्दों ingeniare और ingenium से मिलकर बना है।
Ingeniare का अर्थ है “to create, generate, contrive, devise”
Ingenium का अर्थ है “cleverness”
इंजीनियर का मुख्य काम होता है अपने फील्ड या ब्रांच से जुड़ी नई चीजों का आविष्कार या डिजाइन करना।
इंजीनियरिंग क्या है? ( Engineering Kya hai )
कोई भी व्यक्ति जो किसी वस्तु का आविष्कार करता है, उसका डिजाइन बनाता है या मशीन का परीक्षण करता है, विभिन्न प्रयोगों का उपयोग करके एक नई वस्तु का आविष्कार करके सफलता प्राप्त करता है, तो वह व्यक्ति इंजीनियर कहलाता है।
आज के समय में जहां तकनीक पूरी दुनिया में फैल चुकी है, इंजीनियरिंग शिक्षा का एक ऐसा क्षेत्र है जहां मशीनों के निर्माण, डिजाइन और रखरखाव के लिए तकनीकी दिमाग लगाया जाता है।
इंजीनियरिंग एक ऐसा कोर्स है/इंजीनियरिंग एक कोर्स का नाम है जो छात्र किसी कॉलेज में 12वीं के बाद करते हैं, 12वीं के बाद छात्र किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बी.टेक में ग्रेजुएशन करते हैं। इंजीनियरिंग वहीं से शुरू होती है, इंजीनियर बनने के लिए एक छात्र के पास 4 साल के लिए डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए, उसके बाद छात्र को जो भी विषय अधिक पसंद होता है, वह ग्रेजुएशन के बाद उस विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन करता है उसके बाद ही कोई विद्यार्थी इंजीनियर कहलाता है।
इंजीनियर बनने की प्रोसेस
इंजीनियर बनने के लिए आपको निम्न प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ेगा-
12th Pass Kare
इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले आपको 12वीं कक्षा पास करने होगी और 12वीं कक्षा में भी आपके साइंस स्ट्रीम में मैथ विषय होना जरूरी है इसमें आपके फिजिक्स केमिस्ट्री में तीनों सब्जेक्ट होना जरूरी है ।
12वीं कक्षा पास करने के साथ-साथ आपको 12वीं कक्षा में अच्छे अंक भी लाना जरूरी है क्योंकि इंजीनियर बनने के लिए JEE(Main) और JEE(Advance) का पेपर पास करना होता है और उस पेपर में 11वीं तथा 12वीं कक्षा से प्रश्न पूछे जाते हैं इसलिए आपको 11वीं तथा 12वीं कक्षा में भी अच्छी पढ़ाई करनी जरूरी है ।
JEE(Main) Pass Kare
12वीं कक्षा पास करने के बाद आपको एक अच्छी इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने के लिए JEE(Main) का पेपर पास करना होता है यह पेपर 12वीं कक्षा पास करने के बाद दे सकते हैं इस पेपर में 11वीं कक्षा और 12वीं कक्षा से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं ।
यह भी पर कोई भी विद्यार्थी दे सकता है जिसने 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम के मैथ सब्जेक्ट से पास कर रखी हो ।
JEE(Advance) Pass Kare
जो विद्यार्थी JEE(Main) का पेपर पास कर लेते हैं उन विद्यार्थियों की JEE(Advance) का पेपर होता है यह पेपर पहले पेपर की तुलना में थोड़ा कठिन होता है एक अच्छा इंजीनियरिंग कॉलेज पाने के लिए इस पेपर को भी पास करना होता है ।
यह पेपर वही विद्यार्थी दे सकता है जिसने JEE(Main) का पेपर पास किया हो इसलिए इस पेपर को देने के लिए JEE(Main) का पेपर पास करना जरूरी होता है ।
इंजीनियरिंग की सरकारी कॉलेज चुनें
JEE(Main), JEE(Advance) दोनों परीक्षा पास करने के बाद सभी विद्यार्थियों को उन दोनों परीक्षाओं में प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर सरकारी कॉलेज है दी जाती है यानी कि जिस विद्यार्थी के ज्यादा अंक होते हैं उस विद्यार्थी को अच्छी कॉलेज मिलती है और उसी अंकों के आधार पर की उन विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग की ब्रांच दी जाती है ।
इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा करें
सरकारी कॉलेज चुनने के बाद उस कॉलेज में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग का कोर्स करवाया जाता है यह कोर्स 4 साल का होता है 4 साल में 8 सेमेस्टर की एग्जाम होती है यानी कि 1 वर्ष में दो बार एग्जाम होती है यह कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थी इंजीनियर बन जाता है ।
भारत के अच्छी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज
भारत में कई मान्यता प्राप्त सरकारी सबसे अच्छी इंजीनियरिंग की कॉलेज है इन कॉलेज में विद्यार्थियों को दाखिला जेईई मेन्स और जेईई एडवांस में प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर दिया जाता है भारत की टॉप टेन सबसे अच्छी इंजीनियरिंग कॉलेजों की सूची नीचे दी गई है-
नाम | राज्य | स्कोर | रैंक |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मद्रास | तमिलनाडु | 89.93 | 1 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, दिल्ली | दिल्ली | 88.08 | 2 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मुंबई | महाराष्ट्र | 85.08 | 3 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, कानपूर | उत्तर प्रदेश | 82.18 | 4 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर | पश्चिम बंगाल | 80.56 | 5 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, रुड़की | उत्तराखंड | 76.29 | 6 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, गुवाहाटी | असम | 74.9 | 7 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, हैदराबाद | तेलंगाना | 66.44 | 8 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, तिरिचिराप्पल्ली | तमिलनाडु | 64.1 | 9 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, इंदौर | मध्य प्रदेश | 62.88 | 10 |
इंजीनियरिंग कितने प्रकार की होती है?
जो विद्यार्थी अपना कैरियर इंजीनियरिंग में बनाना चाहते हैं उसके साथ में एक समस्या होती है कि वह इस क्षेत्र में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें उनके लिए यह सवाल भी बहुत जरूरी होता है क्योंकि वे जिस क्षेत्र में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं उसी से संबंधित उन्हें जॉब मिलती है तो आप जान लेते हैं इंजीनियरिंग के कितने प्रकार होते हैं-
सिविल इंजीनियरिंग
जो विद्यार्थी सिविल इंजीनियरिंग करना चाहते हैं वे ज्यादातर सिविल ब्रांच से ही अपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं और यह सबसे ज्यादा प्रचलित इंजीनियरिंग है यह इंजीनियरिंग की एक प्रोफेशनल शाखा भी है ।
सिविल इंजीनियरिंग में विद्यार्थियों को घर, बिल्डिंग, सड़क, बांध, एयरपोर्ट का डिजाइन आदि बनाने का काम सिखाया जाता है ।
इस इंजीनियरिंग में विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार का घर बनाने का डिजाइन और उस घर में कितने कमरे, बाथरूम, किचन और हॉल आदि प्रकार की डिजाइन अच्छे से करने के बारे में सिखाया जाता है इसके लिए आप संक्षिप्त में यह भी बोल सकते हैं कि सिविल इंजीनियरिंग में विद्यार्थियों को बिल्डिंग डिजाइन के बारे में सिखाया जाता है ।
किसी भी भवन के निर्माण में सिविल इंजीनियर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सिविल इंजीनियर को ईंट, सीमेंट, रेत, बार आदि सामग्री के बारे में भी सारी जानकारी होनी चाहिए। बांध, नहरें, स्टेडियम, शॉपिंग मॉल, सड़क, पाइपलाइन आदि चीजें भी सिविल इंजीनियरों द्वारा बनाई जाती हैं।
सिविल इंजीनियर सरकारी और गैर-सरकारी निर्माण कार्यों को डिजाइन करते हैं। घर का नक्शा भी सिविल इंजीनियर द्वारा बनाया जाता है, जिसे बाद में आपको नगर निगम से पास करना होता है, इसलिए सिविल इंजीनियरिंग को इंजीनियरिंग की सबसे महत्वपूर्ण शाखा भी कहा जाता है।
केमिकल इंजीनियरिंग
केमिकल इंजीनियरिंग में, केमिकल इंजीनियर केमिस्ट्री, बायोलॉजी, फिजिक्स और मैथ्स आदि की अवधारणाओं का उपयोग करके उत्पादों की गुणवत्ता और रखरखाव पर काम करते हैं।
केमिकल इंजीनियर केमिकल इंजीनियरिंग का कोर्स करके लैबोरेटरी, इंडस्ट्री, हेल्थ सेक्टर, फूड फैक्ट्री आदि क्षेत्रों में करियर बनाते हैं। आपको बता दें कि रासायनिक पदार्थों के उत्पादन और विकास में केमिकल इंजीनियर अहम भूमिका निभाते हैं।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में कई तरह की तकनीकी और वैज्ञानिक चीजों का अध्ययन किया जाता है। वर्तमान समय में तकनीक और आधुनिक चीजों का उपयोग लगातार बढ़ रहा है, जिससे इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की मांग बढ़ती जा रही है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मशीनों की कार्य पद्धति और डिजाइन मुख्य रूप से किया जाता है। विद्युत अभियंता के अधीन विद्युत ऊर्जा के उत्पादन, वितरण, संचरण आदि का अध्ययन किया जाता है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग
मैकेनिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में, छात्र को मशीनों आदि के निर्माण के बारे में विस्तार से अध्ययन करने के लिए बनाया जाता है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पावर प्लांट इंजीनियरिंग, मेट्रोलॉजी और गुणवत्ता नियंत्रण, उत्पादन इंजीनियरिंग, एचवीएसी, रखरखाव इंजीनियरिंग और विनिर्माण इंजीनियरिंग शामिल हैं। जो भी मशीनें और वाहन बनते हैं, उन्हें बनाने और डिजाइन करने का काम मैकेनिकल इंजीनियर करते हैं। इस समय इस क्षेत्र में करियर के बहुत अच्छे अवसर हैं।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग
कंप्यूटर इंजीनियरिंग वह होता है जो कंप्यूटर या उसके पुर्जों जैसे कि मदरबोर्ड, राउटर, मेमोरी डिवाइस, प्रोसेसर, ऑपरेटिंग सिस्टम आदि को डिजाइन और कार्यान्वित करता है। इसके अलावा, कंप्यूटर बनाते समय, एक कंप्यूटर इंजीनियर यह भी जांचता है कि क्या सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर कंप्यूटर ठीक से काम कर रहा है या नहीं।
इसके अलावा किसी भी नेटवर्क की टेस्टिंग और सेटअप का काम भी कंप्यूटर इंजीनियर ही करते हैं। कंप्यूटर इंजीनियर कोर्स करने के बाद उम्मीदवार डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेशन, नेटवर्किंग इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर आदि पदों पर काम कर सकता है।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग
पेट्रोलियम इंजीनियर का मुख्य काम पेट्रोलियम भंडार को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए उपयोगी बनाना और पेट्रोलियम भंडार को पृथ्वी के नीचे से सुरक्षित सतह पर लाना है। पेट्रोलियम इंजीनियरिंग पेट्रोलियम ऊर्जा के क्षेत्र में नए आविष्कारों, विस्तार और प्रयोगों का एक संयोजन है।
यह इंजीनियरिंग के प्रमुख क्षेत्र हैं इनके अलावा अन्य ब्रांच से भी इंजीनियरिंग की जा सकती है यह निम्नलिखित है-
- इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग
- एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
- ओशनिक इंजीनियरिंग
- न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग
- बायोकैमिकल इंजीनियरिंग
- एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग
मैकेनिकल इंजीनियर कैसे बने?
मैकेनिकल इंजीनियर बनने के लिए छात्र को PCM विषय के साथ 12वीं पास होना चाहिए। इस प्रकार 12वीं के बाद साइंस मैथ स्ट्रीम का छात्र मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक या डिप्लोमा कोर्स करके मैकेनिकल इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर सकता है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स में प्रवेश सीधे कुछ निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है। सरकारी कॉलेज में प्रवेश के लिए JEE(Main), JEE(Advance) की प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। वहीं अगर आप भारत के सबसे लोकप्रिय इंजीनियरिंग कॉलेज IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech कोर्स करना चाहते हैं तो आपको ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) पास करना होगा। बी.टेक के बाद आप 2 साल के मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एम.टेक भी कर सकते हैं।
अगर आप मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक नहीं करना चाहते हैं तो आप 10वीं के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी कर सकते हैं। आप गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। वहीं, आजकल कई निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जाते हैं। डिप्लोमा कोर्स की अवधि 3 वर्ष है। बी.टेक पाठ्यक्रम की अवधि 4 वर्ष है।
कंप्यूटर इंजीनियर कैसे बने?
कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले आपको विज्ञान, गणित जैसे विषयों के साथ बारहवीं कक्षा अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण करनी होगी। इसके बाद आपको अपनी रुचि के अनुसार कंप्यूटर इंजीनियरिंग से संबंधित किसी भी कोर्स में प्रवेश लेना होगा। हालांकि कंप्यूटर इंजीनियरिंग से जुड़े किसी भी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको कुछ एंट्रेंस एग्जाम देना होता है।
अगर आप उस एंट्रेंस एग्जाम को क्लियर कर लेते हैं तो आपको कंप्यूटर इंजीनियरिंग के कोर्स में एडमिशन मिल जाता है, जिसके बाद आप कंप्यूटर इंजीनियर का कोर्स कर सकते हैं। नीचे हम आपको कंप्यूटर इंजीनियरिंग का कोर्स करने के लिए सभी प्रकार की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने?
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए पहला कदम यह है कि 12वीं पास करने के बाद आप किसी अच्छे कंप्यूटर कॉलेज से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, बीसीए और बैचलर ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में डिग्री लें, जो 4 साल की हो।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक प्रकार का कंप्यूटर इंजीनियरिंग कोर्स है। दूसरे शब्दों में, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग आईटी की एक शाखा है जिसमें विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर को डिजाइनिंग, विकास, रखरखाव, परीक्षण, प्रोग्रामिंग आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। इसमें कई प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषाओं का उपयोग किया जाता है, जैसे कि HTML, JAVA, PHP , सी / सी ++, पायथन शामिल हैं। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपके लिए इन सभी प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
- सबसे पहले आपको कंप्यूटर विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त करनी होगी जैसे कंप्यूटर विज्ञान में बी.टेक, कंप्यूटर एप्लीकेशन में स्नातक, सूचना प्रौद्योगिकी में बी.टेक।
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ज्ञान होना जरूरी है। प्रोग्रामिंग भाषाएं जैसे सी भाषा, सी ++, जावा, जावा स्क्रिप्ट, एसक्यूएल, पायथन, रूबी
- एक अच्छा सॉफ्टवेयर बनने के लिए प्रोग्रामिंग लॉजिक अच्छा और अनोखा होना चाहिए। जब भी सॉफ़्टवेयर इंजीनियर कोई एप्लिकेशन या वेबसाइट बनाते हैं, तो उन्हें अपने स्वयं के अनूठे तर्क का उपयोग करना पड़ता है।
- जब आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ज्ञान हो। आपको कुछ अनोखे और शानदार सॉफ्टवेयर, ऐप या वेबसाइट बनाना शुरू कर देना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी कोडिंग स्किल्स भी बेहतर होंगी।
- अगर आपके पास कंप्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री है। आप मुख्य प्रोग्रामिंग भाषाएं जानते हैं और सॉफ्टवेयर बनाना जानते हैं। इसलिए आपको इंटर्नशिप के लिए अप्लाई करना चाहिए।
दसवीं के बाद इंजीनियर कैसे बने?
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा में प्रवेश के लिए 10वीं या 12वीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा पूरा करने वाले छात्र बी.टेक के लिए जा सकते हैं, जिसमें उन्हें अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने में तीन साल लगते हैं।
सरकारी इंजीनियर कैसे बने?
सरकारी इंजीनियर बनने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री पास करें। कई इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शाखाएं हैं; आप अपनी रुचि के अनुसार किसी भी विभाग से डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। अधिकांश सरकारी नौकरियां सिविल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर इंजीनियरों के लिए उपलब्ध हैं।
- इंजीनियरिंग डिप्लोमा या डिग्री कोर्स करने के बाद सरकारी इंजीनियर के लिए आवेदन करें
- जब सरकारी क्षेत्र में सरकारी इंजीनियर की भर्ती के लिए अधिसूचना निकली हो तो आपको उस समय आवेदन करना होगा।
- आवेदन करने के बाद लिखित परीक्षा होती है।
- लिखित परीक्षा पास करने के बाद दस्तावेज़ सत्यापन होता है।
- दस्तावेज़ सत्यापन के बाद, चयन सरकारी इंजीनियर के पद के लिए किया जाता है।
इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है?
एक सरकारी इंजीनियर का वेतन 35,400 रुपये से 1,12,400 रुपये प्रति माह तक होता है। सिविल/मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल की सभी शाखाओं में एक इंजीनियर का वेतन अलग-अलग होता है। एक सरकारी इंजीनियर का वेतन समय-समय पर बढ़ता रहता है।
एक सिविल इंजीनियर के औसत वेतन वेतन की बात करें तो एक सिविल इंजीनियर का वेतन शुरू में ही ₹20000 से ₹30000 के बीच होता है, और जैसे-जैसे वे अपने काम के इस क्षेत्र में अनुभव प्राप्त करते हैं, वैसे ही। उनका वेतन बढ़ता है, 1 से 2 साल के अनुभव के बाद ही उनका वेतन 40-45 हजार तक पहुंच सकता है।
एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी 25,000 से लेकर 45000 तक होती है। अगर आप किसी मल्टीनेशनल कंपनी से जुड़े हैं या आप किसी बहुत बड़े संगठन से जुड़े हैं तो आपकी सैलरी 100000 से ज्यादा हो सकती है।
निष्कर्ष
इस प्रकार से आप तैयारी करके इंजीनियर बन सकते हैं अगर आपको Engineer Kaise Bane लेख अच्छा लगा हो तो आप अपने दोस्तों के साथ भी इसे शेयर करना जो CBI Officer बनना चाहते हैं और इस लेख से संबंधित अगर आपको कोई और ज्यादा जानकारी चाहिए तो आप ले के नीचे कमेंट कर सकते हैं हम आपके सवालों का जवाब देने की कोशिश जरूर करेंगे ।
उम्मीद करता हूं कि आपको यह लेख Engineer Kaise Bane काफी ज्यादा पसंद आया होगा और अगर आपको यह लेख पसंद आया है तो आप हमारे सोशल मीडिया अकाउंट जैसे- फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और टेलीग्राम पर हमें फॉलो भी कर सकते हैं ।